बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे लक्सर क्षेत्र में कुछ नेता और जनप्रतिनिधि आपदा में अवसर तलाश रहे हैं। आपदा प्रभावित इलाकों में भ्रमण से लेकर राहत कार्य में खुद को सक्रिया दिखाने में कोई पीछे नहीं छूटना चाहता। नेताओं के ताबड़तोड़ कार्यक्रमों और फोटो सेशन के बीच पीड़ितों की सहायता और आपदा से बचाव को लेकर उठे बुनियादी सवाल दबकर रह गए हैं।

मूसलधार बारिश से उपजी आपदा स्थिति से प्रभावित हजारों आबादी

मूसलधार वर्षा से सोलानी का तटबंध टूटने, गंगा और पथरी नदियों के उफान पर आने से लक्सर नगर और देहात के खानपुर व रायसी क्षेत्र में बाढ़ के हालात पैदा होने से हजारों की आबादी प्रभावित हुई है। आमजन, किसान, व्यापारी सभी का कुल मिलाकर करोड़ों का नुकसान हुआ है। इस बीच आगामी लोकसभा और निकाय चुनाव को सामने देख कुछ नेता और जनप्रतिधि इस आपदा में अपने लिए अवसर तलाशने में जुटे हैं।

पानी उतरने के बाद सड़कों पर उतरे फोटो सेशन कराने

बाढ़ के समय नदारद रहे कई ऐसे लोग हैं जो पानी उतरने के बाद अब सड़कों पर उतरकर फोटो सेशन करा रहे हैं। आए दिन यह लोग अपने लाव लश्कर के साथ प्रभावित इलाकों में अवतरित हो रहे हैं। इनमें ज्यादातर ऐसे हैं, जिन्होंने बीते सालों में विकास और आपदा से बचाव के नाम पर एक ईंट इधर से उधर नहीं की। लेकिन, समर्थकों के साथ प्रभावित इलाकों में घूमकर मदद के नाम पर आश्वासन का मरहम लगाने का दिखावा कर रहे हैं। इन नेताओं और जनप्रतिनिधियों के फोटो स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं।

चुनाव को देखते चेहरा चमकाने की होड़ में नेता

इस सबके बीच आपदा से जुड़े बुनियादी सवाल कहीं दब गए हैं। मसलन जलभराव से हुई क्षति पर तात्कालिक सहायता, सफाई व्यवस्था, जलभराव के कारण और इसके निस्तारण के उपाय, अतिक्रमण, भविष्य में ऐसी तबाही की रोकथाम की योजना समेत कई महत्त्वपूर्ण सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब खोजा जाना आवश्यक है। लेकिन गंभीर और महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं है। अलबत्ता आगामी चुनाव को देखते चेहरा चमकाने की होड़ में हर कोई दूसरे को पीछे छोड़ने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहता है।

स्थानीय व्यापारी महेश कुमार, राजेश, शिवकुमार, बृजेश, राजू, अरविंद,जयपाल, ललित, मनोज, हरीश आदि के अनुसार जलभराव से व्यापारियों का भारी नुकसान हुआ है। बाजार में चार से पांच दिनों तक पानी क्यों रूका इस पर गंभीर चर्चा कर तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। युवा प्रशांत चौहान, राकेश कुमार, सन्नी का कहना है कि ऐसे समय में राजनीति नहीं होनी चाहिए, नगर में जलनिकासी की व्यवस्था और अतिक्रमण जैसे मुद्दों पर ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है।

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